दोस्तों आज इस आर्टीकल में हम जानेंगे Made इन PRC क्या हैं? आपने अक्सर विभिन्न प्रोडक्ट्स के ऊपर उस देश का नाम लिखा देखा होगा जिस देश की कंपनी द्वारा प्रॉडक्ट का निर्माण किया गया हैं. जैसे कि यदि कोई प्रॉडक्ट भारतीय कंपनी द्वारा भारत में निर्मित किया गया हैं तो उस पर 'मेड इन इंडिया' लिखा होता हैं. इस तरह आसानी से पहचाना जा सकता हैं कि कौनसा सामान भारत में बना हैं और कौनसा नही. लेकिन अब कई प्रोडक्ट्स के ऊपर Made इन PRC लिखा देखने को मिल रहा हैं. जिससे खरीददारों को यह पता नहीं चलता हैं कि उनके द्वारा खरीदा जाने वाला सामान भारतीय हैं या फिर किसी विदेशी कंपनी का हैं. ऐसे में आज हम आपको Made इन PRC प्रोडक्ट्स के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं-
Made इन PRC का मतलब होता हैं पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना. चीन ने अब अपने प्रोडक्ट्स के ऊपर मेड इन चाइना लिखना बंद कर दिया हैं. अब चीन द्वारा अपने प्रोडक्ट्स के ऊपर मेड इन PRC लिखा जाता हैं जिसका सीधा सा उद्देश्य यह हैं कि भारतीय खरीददारों को पहली नजर में यह पता नही चले कि उनके द्वारा खरीदा जाने वाला प्रोडक्ट चायनीज हैं. इस तरह भारतीय खरीददार मेड इन पीआरसी लिखा देख सामान खरीद लेते हैं.
चायनीज सामानों पर Made इन PRC क्यों लिखा जाता हैं
चायनीज सामानों पर मेड इन पीआरसी लिखने के पीछे सबसे बड़ा कारण भारतीय उपभोक्ताओं की नजर में धूल झोंकना हैं. भारत और चीन का सिमा विवाद और हिंसक झड़पे शुरूवात से ही भारत मे चायनीज प्रोडक्ट्स के बहिष्कार का कारण रहा हैं. लेकिन अब तो भारत में चायनीज प्रोडक्ट्स के बहिष्कार की मुहिम तेज होती जा रही हैं और स्वयं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी देश की जनता से आग्रह किया हैं कि सिर्फ स्वदेशी वस्तुओं को ही खरीदे जिससे भारतीय कंपनियों के सामानों की मांग तेजी से बड़े और लोगों को रोजगार मिल सके. इस तरह देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा क्योंकि लगातार कोरोना संक्रमण की मार और लॉकडाउन जैसी स्थितिया झेलने के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई हैं. प्रधानमंत्री द्वारा कहि इस बात का सीधा असर चायनीज कंपनियों के मुनाफे पर पड़ रहा हैं. हर साल चायनीज कंपनियां भारत मे अपने प्रोडक्ट्स बेचकर अरबों रुपये कमा रही हैं और खासतौर से भारतीय त्योहारों के सीजन में तो चीन की चांदी हो जाया करती हैं. ऐसे में चीनी कंपनियां कभी भी भारतीय उपभोक्ताओं को खोना नही चाहती हैं. इसी वजह से चीन ने भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार से बचने के लिए 'मेड इन चाइना' के स्थान पर 'मेड इन पीआरसी' लिखना शुरू कर दिया हैं. इसके अलावा चीन अपने प्रोडक्ट्स को एकदम भारतीय लुक देने की पूरी कोशिस कर रहा हैं और उन प्रोडक्ट्स के नाम भी पूरी तरह से भारतीय प्रतीत होने वाले रखे जा रहे हैं. इसके अलावा अब चीन ने अपने प्रोडक्ट्स पर कहि भी चायनीज लैंग्वेज का उपयोग करना पूरी तरह से बंद कर दिया हैं. चायनीज लैंग्वेज के स्थान पर अंग्रेजी तथा हिंदी भाषा का उपयोग किया जा रहा हैं जिससे कि चायनीज प्रॉडक्ट पूरी तरह से भारत मे निर्मित प्रतीत हो सके. इस तरह चीन भारतीय उपभोक्ताओं को धोखा देने में कुछ हद तक सफल भी हो रहा हैं.
इसके अलावा सभी जानते हैं कि चायनीज प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और गुणवत्ता पूरी तरह से लोक्वालिटी की होती हैं जिसके कारण कोई भी उनके मूल्य अधिक नही देता हैं. चीन अपनी इस कमी को छुपाने के लिए ग्लोबल लेवल पर निर्यात किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट्स पर मेड इन पीआरसी लिखने लगा हैं ताकि चायनीज प्रोडक्ट्स की पहचान छुपाई जा सके.
दोस्तों हम आशा करते हैं कि अब आप पूरी तरह से समझ चुके होंगे कि Made इन PRC क्या हैं? अगर इस आर्टीकल से जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन मे हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं और यदि आपको हमारा यह आर्टीकल पसन्द आया हो तो सोशल मीडिया एकाउंट पर ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें. हम इसी तरह की जानकारियां रोज लिखकर पब्लिश करते हैं कृपया ब्लॉग पर डेली विजिट करना मत भूले.
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